जोधपुर में आपका स्वागत हैं।

जोधपुर की धरती पर आप सभी सैलानियों के स्वागत हैं। भारत आने वाले हर सैलानी का पसंदीदा टूरिस्ट प्लेस जोधपुर अर्थात सूर्यनगरी हैं। जोधपुर का नाम आज दुनिया मे सूर्यनगरी के नाम से प्रसिद्ध हैं।
   जोधपुर जिला पश्चिमी राजस्थान में दिल्ली से 600 किलोमीटर दूर हैं। राजस्थान में जोधपुर जिले का विशेष स्थान हैं। जयपुर के बाद जोधपुर राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा जिला हैं। जो कि राजनैतिक सामाजिक और व्यापारिक नगरी के साथ टूरिज्म में भी देश और राजस्थान राज्य का आज अहम जिला हैं।
  जोधपुर जिले आज रेलवे,सड़क मार्ग और हवाई मार्ग से सीधा जुड़ा हैं। राष्ट्रीय व अंतराष्ट्रीय स्तर की परिवहन और हवाई सेवाएं यात्रियों के लिए उपलब्ध हैं।
   जोधपुर में फाइव स्टार होटल्स के साथ साथ बजट के अनुसार आलीशान होटल्स हैं। हेरिटेज और पुराने होटल्स भी हैं। देश और दुनिया से आने वाले सैलानियों के लिए सरकार की तरफ से भी अत्यंत महत्वपूर्ण सेवाएं हैं। आज सैलानी प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में आते है।
  जोधपुर में पुराने मार्किट और घण्टाघर और त्रिपोलिया से लेकर सराफा बाजार और पुराने शहर की गलियों में सैलानियों को बड़ी आराम से घूमते पाया या देखा जा सकता हैं।
  जोधपुर तो युगों से प्रशिद्ध हैं। लंका पति रावण का ससुराल भी जोधपुर में था। जिसके प्रमाण आज भी मिलते हैं। किला आज भी युगों से खड़ा हैं। मंडोर गार्डन जोधपुर का सबसे पुराना और बड़ा बगीचा हैं। जोकि चारो तरफ से पहाड़ियों से ढका हैं। मंडोर गार्डन की ऊपर पहाड़ी पर पीछे की तरफसे नागदाडी नामक झील भी हैं। मंडोर गार्डन में काले मुह के बंदर भी बड़ी संख्या में हैं।
 मंडोर गार्डन में भी बड़ी मात्रा में सैलानी मंडोर गार्डन में गले मे कैमरा डाले और फ़ोटो खीचते नजर आते हैं। कही गार्डन में धूप शेकते मंडोर गार्डन में बनी तेतीस करोड़ देवी देवता की शहाल और एक अजायब घर भी हैं। जिसमे जोधपुर के इतिहास और युधो कि झांकिया हैं।

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